16-02-15   ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन

“जैसे बाप और बच्चों का प्यार अमर और अलौकिक है, आपको बाप की पहचान के साथ प्राप्तियां हुई हैं, ऐसे सेवा में आगे बढ़ते सबको उमंग-उल्हास दिलाओ, अब किसी का भी उल्हना न रहे”

ओम शान्ति। सभी बच्चों को चाहे सम्मुख हैं, चाहे किसी भी स्थान पर हैं लेकिन चारों ओर के बच्चों को आज के दिन की मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो। यह मुबारक का दिन बड़ा प्यारा है और ड्रामा में आप बच्चों के स्पेशल प्यार की निशानी बाप और बच्चों का सम्मुख साकार में मिलन हो रहा है इसलिए पहले तो जो सामने बैठे हैं उन्हों से मिलन और मुबारक हो, मुबारक हो। यह दिन विशेष इस स्थापना के कार्य का विशेष दिन है जो बच्चों ने बाप को जाना, बाप ने बच्चों को जाना। बाप कहते मेरे बच्चे और बच्चे कहते हैं मेरे बाबा। एक-एक आगे या पीछे बैठे हुए बच्चों को बापदादा आज के दिन की सम्मुख मिलन मेले की मुबारक दे रहे हैं। हर एक के चेहरे पर आज मिलन का भाग्य, हर एक के चेहरे पर खुशनुमा रूप में दिखाई दे रहा है और बापदादा भी एक-एक बच्चे को सन्मुख मिलने के भाग्य को देख हर्षित हो रहे हैं। हर एक बच्चे के मस्तक में मेरा बाबा, प्यारा बाबा, मीठा बाबा, यह लहर मिलन की चेहरे पर दिखाई दे रही है। बाप भी एक-एक बच्चे को आगे पीछे सभी को देख कितना हर्षित हो रहे हैं। वह बाप जाने और आप जानो। बाप के दिल से एक-एक बच्चे प्रति वाह बच्चे वाह! निकल रहा है। सम्मुख मिलन हो रहा है। 

बापदादा आगे पीछे कोने में भी बैठे हुए बच्चे को देख वाह बच्चे वाह का गीत गा रहे हैं। बापदादा देख रहे हैं कि हर एक बच्चा कितनी मीठी याद में बैठे हैं। कोने-कोने में आगे पीछे एक-एक बच्चा बाप को देख कितने हर्षित हो रहे हैं और बाप भी एक-एक बच्चे को देख वाह वाह बच्चे वाह के गीत गा रहे हैं क्योंकि बाप जानते हैं कि ऐसा मिलन भी सदा नहीं हो सकता। लेकिन आज यह साथ का अनुभव एक-एक बच्चे के स्नेह को देख सभी की दिल गदगद हो रही है। बाप को भी यह साकार में कभी-कभी का मिलन बहुत दिल को आकर्षित करता है। बाप भी वाह बच्चे वाह के गीत गा रहे हैं और बच्चे भी यही गीत गा रहे हैं वाह बाबा वाह! कितना इस संगमयुग का ड्रामा में पार्ट है जो बच्चे बाबा को देख रहे हैं, जान रहे हैं और बाप बच्चों को देख कितने खुश हो रहे हैं। हर एक के दिल से यही बोल निकल रहा है, मेरा बाबा प्यारा बाबा और बाप के मुख से भी यही निकल रहा है वाह बच्चे वाह! एक-एक बच्चा कैसे अपना जन्म सिद्ध अधिकार सन्मुख मिलने का अनुभव कर रहे हैं। बाप को भी बहुत-बहुत-बहुत एक-एक बच्चे का मुखड़ा देख खुशी हो रही है।

बाप भी एक-एक बच्चे को देखते क्या अनुभव करते हैं! एक-एक बच्चे का कितना दिल का प्यार है। अगर बापदादा एक-एक बच्चे के प्यार का वर्णन करता तो कई किताब लिख देते। लेकिन यह दिल जाने, बाप और बच्चे जाने। तो बाप अभी जो बच्चों के मिलन की सूरत है उससे हर एक बच्चा भले यथा शक्ति है लेकिन बच्चे और बाप का प्यार अमर और अलौकिक है। बाप खुश हो रहे हैं एक-एक बच्चे को वाह बच्चा वाह! दिल से कह रहे हैं। बाप को भी खुशी हो रही है यह थोड़े समय का सन्मुख मिलन कितना प्यारा लग रहा है। हर एक के दिल में उमंग उत्साह है कि दुनिया का हर एक बच्चा बाप को पहचान कितना अपने को आगे बढ़ा रहे हैं। तो बापदादा आज हर एक बच्चे के दिल का प्यार देख रहे हैं और उसके लिए बहुत-बहुत-बहुत दिल की दुआयें, दिल की मुबारकें एक-एक बच्चे को दे रहे हैं। वाह ड्रामा वाह! यह मिलन भी कम नहीं है। बापदादा तो दिल में ही बच्चों से मिलन मनाते रहते हैं। बिना बच्चों के रह नहीं सकते। यह मिलन की कहानियां तो बहुत हैं लेकिन अभी तो सम्मुख बच्चों को देख बहुत खुशी हो रही है। बापदादा भी दिल में बच्चों के प्यार में गीत गा रहे हैं वाह बच्चे वाह!

आज का मिलन तो है ही मिलने के दिन का। बापदादा देख रहे हैं कि एक-एक बच्चा इस प्रकार का मिलन देख कितना खुश हो रहे हैं, पहले बापदादा फिर बच्चे। एक बच्चे को भी बापदादा देखने बिना रह नहीं सकता। भले पीछे भी बैठे हैं लेकिन साकार में बच्चों को देख बापदादा भी खुश, बच्चे भी खुश। 

तो अभी आगे क्या कमाल दिखायेंगे? मिलन मेला तो मनाया अब आगे क्या कमाल दिखायेंगे? हर एक के मैजारिटी के दिल में यह पहचान हो जाए, हमारा बाबा बच्चों से मिलन के बिना रह नहीं सकता। बापदादा ने देखा कि ड्रामा के पार्ट को देख बच्चे यह जरूर सोचते कि वह दिन क्या और यह दिन क्या हैं! लेकिन समझदार होके सेवा का पार्ट अच्छा बजा रहे हैं। बापदादा सेवा का पार्ट निभाने वाले बच्चों को देख खुश होते रहते हैं क्योंकि विश्व में आखरीन में “हमारा बाबा आ गया”, यह पहचान जरूर आयेगी। लेकिन जैसे साकार में भी विश्व में से थोड़े से बच्चों को पहचानने का अधिकार और प्राप्ति मिली, ऐसे बच्चों को इस भाग्य के कारण बाप बच्चों का मिलन होता है, यह ड्रामा का पार्ट भी दिल को सुख देता है। बाप भी खुश बच्चे भी खुश। तो बापदादा ड्रामानुसार साकार में मिलते हुए बच्चों को देख बहुत खुश होते हैं। यह मिलन भी ड्रामा का अच्छे ते अच्छा पार्ट नूंधा हुआ है। आप लोग भी खुश हो जाते हैं ना! बाप फिर भी मिलने का पार्ट देख बच्चे भी खुश और बाप भी खुश। लेकिन यह मिलन और वह मिलन कितना अन्तर है! ड्रामा का पार्ट समझ हर एक इस पार्ट से अपना शक्ति, प्यार और उमंग ले लेते हैं। बापदादा भी बच्चों से मिलकर कितना खुश होगा, वह तो बच्चे भी जानते बाप भी जानते। तो यह चांस भी ड्रामा ने अच्छा बनाया है, बापदादा एक-एक बच्चे को देख कितना खुश होते हैं और कितनी मुबारकें दिल में देते हैं। 

तो यही गीत गाते वाह बच्चे वाह! सभी खुशराजी और कदम आगे बढ़ाने वाले निमित्त बने हुए हैं ना! भले फर्क है लेकिन मिलन तो होता है। बापदादा भी बच्चों को देख इतना खुश होता है, बहुत खुश होता है, एक-एक बच्चे को देख क्या करने चाहता है, वह बापदादा की दिल जाने। लेकिन बापदादा खुश है कि बच्चे चाहे नम्बरवार हों लेकिन बच्चे और बाप का मिलन तो होता है ना! बाप ने देखा कि बच्चे याद में तो रहते हैं, याद करते भी हैं लेकिन माया से सामना भी करते हैं तो बापदादा सूक्ष्म में एक-एक बच्चे को मुबारक भी देते कि वाह बच्चे वाह! यह बाप और बच्चों का मिलन अमर है और अमर रहेगा। 

सभी शारीरिक और आत्मा रूप से खुश तो हो ना! हाथ हिलाओ। सभी के हाथ बापदादा देख रहे हैं। बहुत अच्छा। मुबारक हो। बापदादा ने देखा कि दिल का प्यार, सच्चा प्यार कभी मिट नहीं सकता। तो बाप भी वाह बच्चे वाह का गीत गाते रहते हैं। सभी बच्चों के याद में रहने का प्रयत्न देख बापदादा भी खुश होते हैं। इसके लिए मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो। बाप भी आप बच्चों को याद करते हैं ऐसे नहीं है कि बच्चे भूल गये हैं, नहीं। एक-एक बच्चा बापदादा के दिल में है। भले नम्बरवार हैं लेकिन याद में रहते हैं। तो आज बापदादा इस दिन को महान समझते हैं जो बाप और बच्चों का सम्मुख मिलन होता है, बाप भी खुश बच्चे भी खुश। अभी आगे के लिए आवाज फैलाने का कोई नया नया प्रोग्राम बनाओ, जिससे दुनिया वाले जागे रहें, सो नहीं जायें। जगाते रहो, आगे बढ़ते रहो। बापदादा आप लोगों के भाग्य के आगे उन्हों को बिचारे समझते हैं। लेकिन अभी ऐसा समय आने वाला है जो इन दिनों को याद करेंगे इसलिए आप अपना कार्य करते रहो। वह बिचारे हैं। आप लोग तो भाग्यवान हैं अपना भाग्य प्राप्त हुआ, उसको अनुभव कर रहे हो और बापदादा भी खुश है कि अव्यक्त होते हुए भी बच्चों ने पहचाना और सेवा का भाग्य भी ले रहे हैं। अच्छा। 

सबसे अब तो इसी विधि से मिलना होता है, वह मिल रहे हैं, इसमें भी बापदादा खुश होता है। और क्या गीत गाते हैं? वाह भाग्यवान बच्चे वाह! 

सेवा का टर्न इन्दौर और भोपाल का है :- (25 हजार भाई बहिनों का ग्रुप है, 200 इन्दौर हॉस्टेल की कुमारियां आई हैं) यह भी पार्ट नूंधा हुआ है, वह चल रहा है। बापदादा भी बच्चों से मिलकर खुश होते हैं। कितने भाग्यवान बच्चे हैं, यह भाग्य देख बार-बार दिल में कहते, मुख से भी कहते वाह बच्चे, वाह भाग्यवान बच्चे वाह! अच्छा। जो पार्ट चल रहा है ड्रामानुसार चलना था, वह चल रहा है। अभी हर एक को बाप की याद में रहना है, सेवा में आगे बढ़ना है और जो भी बिचारे अनजान रह गये हैं, उन्हों की सेवा चारों ओर बहुत खुशी-खुशी से करते रहना है। कोई उल्हना नहीं रह जाए कि आपको पता था, हमको पता नहीं पड़ा। सेवा भी करो और उन्हों को उमंग उल्हास दे करके आगे बढ़ाओ और अपना कार्य सन्देश देने का वह खूब युक्तियुक्त करते रहो। कोई ऐसा इच्छुक कोने में रह नहीं जाए। सन्देश अभी भी चारों ओर भिन्न-भिन्न प्रकार से देते रहो। सेवा, याद दोनों का बैलेन्स रख आगे बढ़ते और औरों को भी आगे बढ़ाते रहो। बापदादा खुश है कि पीछे आने वाले भी कम नहीं हैं जो चांस मिलता है वह करते रहते हैं लेकिन अपनी अवस्थाओं का ध्यान रखना। भले थोड़े हैं लेकिन थोड़े पावरफुल हैं। सब कुछ देख लिया है ना, तो होशियार हैं जानने में। बापदादा ऐसे बच्चों पर खुश है। 

डबल विदेशी, 65 देशों से 1100 भाई बहिनें आये हैं :- अच्छा है। आते रहते और सेवा को बढ़ाते रहते, इसकी मुबारक है, मुबारक है। कोई न कोई विधि से सारे वर्ल्ड में यह फैलाते रहो। अभी भी चारों ओर आपके परिवार के छिपे हुए हैं इसलिए सेवा का पार्ट चारों ओर का चलाते रहो। उल्हना नहीं मिले आपको। आपने भी हमको नहीं जाना। फैलाते रहो, अपने परिवार की आत्माओं को अपना बनाते रहो। बापदादा आप बच्चों को देख खुश होते हैं कि बेफिक्र होके चल रहे हो, चलते रहेंगे। 

पहली बार वहुत बच्चे आये हैं :- देखो, काफी लोग फर्स्ट टाइम आये हैं। तो जैसे अभी सेवा चलाते रहते हो, वैसे सेवा में आगे बढ़ते रहो। अभी बहुत ऐसे रहे हुए हैं जो रह गये हैं, चाहते हैं लेकिन पहुंच नहीं पाये हैं, सेवा अपनी बढ़ाते रहो, सन्देश देते रहो। प्रोग्राम करते रहो और जितनी सेवा बढ़ायेंगे उतना आपका उल्हना खत्म हो जायेगा इसलिए सेवा आगे बढ़ाते चलो। अभी भी ऐसी बहुत आत्मायें हैं जिनको सन्देश नहीं मिला है। ऐसी आत्माओं को सेवा द्वारा जगाते रहो। जैसे आप लोग उमंग उल्हास से प्रोग्राम बनाते, सन्देश देते रहे हैं ऐसे ही और हिम्मत रख आगे से आगे बढ़ते रहो। उल्हना नहीं रह जाए कि आपने हमे चांस नहीं दिया है। सेवा का चांस बढ़ाते जाओ। इतनी बड़ी वर्ल्ड है कोई का भी उल्हना नहीं रह जाए। चारों ओर की सेवा बढ़ाते हुए आगे बढ़ते चलो। अच्छा। 

चारों ओर के बच्चों को बापदादा तीव्र पुरुषार्थी भव कहते हुए यादप्यार दे रहे हैं। सदा अमृतवेले उठते तीव्र पुरुषार्थी भव का यादप्यार याद रख आगे बढ़ते चलना क्योंकि बाप का हर बच्चे से प्यार है। भले स्टेज पर थोड़े आते हैं लेकिन बापदादा सभी बच्चों को दूर से ही दिल का यादप्यार दे रहे हैं। 

दादी जानकी जी बापदादा से मिल रही हैं, लण्डन का समाचार सुना रही हैं :- ठीक है। 

न्यूयोर्क की मोहिनी बहन ने आपको बहुत याद भेजी है :- बहुत अच्छा शुरू से उमंग-उत्साह में रहने वाली है। सेवा का चांस लेने वाली है और सेवा कर कईयों को आगे बढ़ाने वाली है। बापदादा बच्ची को विशेष यादप्यार देते हैं। तबियत के कारण आना जाना नहीं कर सकती लेकिन बाप की याद में बच्ची भी रहती है और बाप भी याद भेजता ही रहता है। आगे बढ़ रही है और बढ़ती रहेगी। 

मोहिनी बहन से :- (तबियत थोड़ी ढीली है) नहीं, तबियत का बाप को दे दो। बाप की तरफ से अभी स्टेज पर आओ। कर सकती हो, इसमें ताकत है। सभी से हाथ मिला रहे हैं। 

(दादी जानकी ने कहा गुल्लार दादी को विदेश में एक बार जरूर जाना है, सभी याद कर रहे हैं) देख करके फिर बनाना। (पूना में जगदम्बा भवन बनाने के लिए जमीन ले ली गई है) पूणे वालों में पहले जोश जगाओ। वह थोड़े ऐसे मजे से सोये हुए हैं। जानते हैं सेवा से शौक भी है लेकिन थोड़ा जगाओ। पूना में हो सकता है। 

(बृजमोहन भाई ने भी याद भेजी है, शिवजयन्ती की सेवाओं के कारण नहीं पहुंचे हैं) उसको भी याद भेजना। 

तीनों भाईयों के प्रति :- कारोबार ठीक चल रही है! (अभी तक ठीक चल रहा है, दादी लण्डन में चक्र लगाकर आई है) हिम्मत है ना, संकल्प होता है करना ही है तो हो जाता है। सभी खुश हैं ना। एक दो में राय करके जो भी करना हो, मीटिंग करके आगे बढ़ते चलो। बाप खुश है। 

(नया डायमण्ड लोटस बना है उसका उद्घाटन है) अच्छा है। (बापदादा को निमन्त्रण दिया है) बापदादा तो होके आ गये हैं। 

भूपाल भाई से :- सेवा में आगे बढ़ते रहो। (तबियत गड़बड़ रहती है) कोई अच्छे पहचान वाले को दिखाया है! कोई पहचान वाले से परिचय कराके आगे बढ़ो। 

बापदादा ने अपने हस्तों से शिवध्वज फहराया:-

आज शिवरात्रि का झण्डा लहरा रहे हैं। सभी शिवरात्रि पर दिल में संकल्प करो कि आगे से आगे बढ़ते हुए विश्व में विजय का झण्डा लहरायेंगे। सारे विश्व में जयजयकार हो जाए कि बाबा आ गया, मेरा बाबा आ गया।